ॐ उग्र नृसिंहाय विद्महे, वज्र-नखाय धीमहि ।
तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात् ।।
हे नृसिंह भगवान ! आप प्रभु विष्णु के उग्र अवतार के रुप में समग्र सृष्टि के कण-कण में विद्यमान हो। आपने आपके वज्र नख के प्रहार से हिरण्यकशिपु जैसे दैत्य का वध कर प्रह्लाद को संकट मुक्त किया था। वह नृसिंह अवतार का में ध्यान धरता हूं। हे प्रभु मुझे सदा आपका स्मरण करने की बुद्धि प्राप्त हो ।
श्री नृसिंह जयंती के पावन गुरुवार पर आपके चरणों में मेरे शत् शत् नमन…।