आत्मा से जुड़ने का रहस्य सदगुरु का ध्यान और अनुभव

मन मंदिर की मूर्ति मधुरी छाइ रही ,तव प्यारा ……
सचराचर में ज्योत बनी तब झबके पावक ज्वाला ..

श्री सदगुरु परम तत्त्व स्वरुप है, उनकी दिव्य तेजस्वी ज्ञान ज्योत सचराचर में व्याप्त है , जो शिष्य सदा अपने चित में उनका ध्यान धरता है, तथा अपनी आत्मा से श्री गुरु के ज्ञान का अनुशरण करता है, और प्रेमभाव से उनकी मानस पूजा करता है, उसके ऊपर अहर्निश श्री गुरु की छत्रछाया बनी रहती है।

आत्मा से जुड़ने का रहस्य सदगुरु का ध्यान और अनुभव

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